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यौन दुर्बलता, शीघ्रपतन (वीर्य का जल्दी निकल जाना),लिंग में तनाव न
आना या कम आना,यौन इच्छाओं की कमी,धातु रोग,लिंग में पूर्ण तनाव
न आने के कारण लिंग का छोटापन,शुक्राणु उत्पादन स्थान (अंडकोष) की
समस्याओं को दूर करने में सहायक है!
शुक्राणु निर्माण को बढ़ाता है। मुख्यतया यह पुरूषों का स्टेमिना बढ़ाकर
पौरूष (मर्दाना ताकत) को बनाए रखने में सहायता करता है!
जिससे यौन संबंधों का समय बढऩे के साथ-साथ पूर्ण संतुष्टि प्राप्त होती है।
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